भारत का नवीकरणीय ऊर्जा (रिन्यूएबल एनर्जी) सेक्टर तेज़ी से बढ़ रहा है, और इस क्षेत्र में एक बड़ी कंपनी जो चर्चा में है, वह है Indian Renewable Energy Development Agency (IREDA), जिसका मकसद रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देना और इसके लिए वित्तीय मदद प्रदान करना है। कंपनी ने हाल ही में अपने बेहतरीन वित्तीय नतीजों की वजह से सबका ध्यान खींचा है। 30 सितंबर, 2024 को समाप्त तिमाही में IREDA ने ₹387.74 करोड़ का शुद्ध मुनाफ़ा दर्ज किया है, जो पिछले साल की इसी अवधि के ₹284.73 करोड़ के मुकाबले 36% ज्यादा है।
IREDA Share
स्टॉक मार्केट में निवेशकों के लिए यह और भी दिलचस्प है, IREDA का शेयर 1.12% बढ़कर ₹233.75 पर बंद हुआ। कंपनी की कुल आय भी काफी बेहतर रही, जिसमें 38.5% की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह ₹1,630 करोड़ तक पहुंच गई, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी तिमाही में यह ₹1,177 करोड़ थी। एक और चीज़ जो IREDA के पक्ष में गई है, वह है इसका शुद्ध ब्याज आय (Net Interest Income), जो 52% बढ़कर ₹546.9 करोड़ हो गया। यानी, IREDA अपने ऋण कारोबार से अच्छा खासा मुनाफ़ा कमा रही है।
NPA में बढ़ोतरी
अब बात करें गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) की, तो IREDA की कुल NPA 2.19% पर स्थिर रही, जबकि शुद्ध NPA हल्की बढ़ोतरी के साथ 1.04% हो गई है। हालांकि, इसका ज्यादा नकारात्मक प्रभाव नहीं दिख रहा क्योंकि कंपनी का कर्ज-इक्विटी अनुपात (debt-equity ratio) भी लगभग स्थिर है, जो जून तिमाही में 5.83x से बढ़कर 5.85x हो गया। यह सभी आंकड़े दिखाते हैं कि कंपनी अपने वित्तीय मामलों को बेहद कुशलता से संभाल रही है और बाज़ार में अपनी मज़बूत पकड़ बनाए हुए है।
शुद्ध मुनाफा बढ़ा
IREDA ने वित्तीय वर्ष 2025 के पहले 6 महीनों (H1FY25) में भी शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले साल की तुलना में कंपनी का शुद्ध मुनाफ़ा 33% बढ़कर ₹771.4 करोड़ हो गया है। कुल आय में भी 35% से अधिक की वृद्धि हुई है, और यह ₹3,141 करोड़ तक पहुंच गई है। यह साफ़ है कि कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए आक्रामक रूप से काम कर रही है और इसका दीर्घकालिक विकास भी काफी मज़बूत दिखाई दे रहा है।
लोन में भी वृद्धि
सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात तो यह है कि IREDA ने ऋण मंजूरी (loan sanctions) में 303% की भारी वृद्धि दर्ज की है। वित्तीय वर्ष 2025 के पहले 6 महीनों में कंपनी ने ₹17,860 करोड़ के ऋण स्वीकृत किए हैं, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह आंकड़ा सिर्फ ₹4,437 करोड़ था। यह देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण की मांग कितनी तेज़ी से बढ़ रही है और IREDA इस मौके का भरपूर फायदा उठा रही है।
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